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यादों के झरोखे भाग ७

डायरी दिनांक २०/११/२०२२

  रात के आठ बजकर पचास मिनट हो रहे हैं ।

  आज सुबह ही मम्मी को लेने मुरादाबाद निकल गया तथा वापस आते आते रात हो गयी। वापसी में बहुत ज्यादा जाम मिला। न्यौली शुगर मिल पर तो गन्ने से भरे वाहनों को किनारे पर खड़े कर यातायात सुचारू करने की व्यवस्था थी पर बिसौली के पास की शुगर मिल के हालत ऐसे थे कि पूरे मार्ग को टेक्टरों तथा दूसरे वाहनों ने अवरुद्ध कर रखा था। यातायात सुचारू करने के लिये पुलिस बल भी नहीं था। हालात ऐसे थे कि वाहन गांव के रास्तों से होकर निकल रहे थे। गांव के उस मार्ग की हमें जानकारी नहीं थी। पर दूसरे वाहनों के पीछे पीछे चलते चलते किसी तरह उस जाम से पार हुए।

  एक कहावत है कि आसमान से गिरे और खजूर पर अटके। जैसे तैसे किसी तरह उस जाम से मुक्ति पायी तो आगे चलने पर एक संत के प्रवचन के कारण भारी जाम से गाड़ी निकलने में ही कम से कम पैंतालीस मिनट लग गये।

  पुरानी स्मृतियों में बहुत अधिक लिख पाने का आज साहस नहीं है। एक स्मृति है कि हमारे पड़ोस में किराये पर एक परिवार कुछ दिनों रहा। परिवार में पति, पत्नी, बेटा, पुत्रवधू और अविवाहित बेटी थे। वैसे बेटा ही इक्कीस, बाईस साल से अधिक का न था और पुत्रवधू और भी अधिक छोटी थी। बेटी पंद्रह वर्ष के लगभग की रही होगी।

  एक दिन पुत्रवधू अजीब गरीब हरकतें करने लगी। या तो वह बीमार थी अथवा बीमार होने का नाटक कर रही थी। घर बालों ने उसका इलाज डाक्टर से न कराकर एक ओझा से कराया और ओझा द्वारा प्रेतबाधा बताने पर ओझा के निर्देश पर पूरे परिवार ने पुत्रवधू की जमकर पिटाई की। ऐसी पिटाई जैसी कि पुलिस बाले किसी शातिर अपराधी की करते हैं। अजीब बात थी कि बताया गया कि उस पिटाई के बाद वह ठीक हो गयी। हालांकि चोटों को ठीक होने में समय लगा।

  बहुत दिनों तक मेरे मन में बहुत से प्रश्न उठते रहे। क्या वह स्त्री सचमुच प्रेतबाधा से ग्रसित थी। अथवा परिवार का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने के लिये ऐसा कर रही थी। अथवा अपने मन में दबी कुंठा प्रेतबाधा के नाम पर निकाल रही थी (क्योंकि पहले उसी स्त्री ने अपने पति और सास को अजीब हरकत करते समय पीटना आरंभ किया था।)। संभव हो सकता है कि परिजन भी सत्य जान रहे हों और फिर उसी महिला का अस्त्र उसके खिलाफ चल गया हो।

  वैसे बताया जाता है कि इस तरह की कुछ मनोवैज्ञानिक बीमारी भी होती हैं जबकि मनुष्य किसी छद्म का प्रयोग अपने मन की कुंठा निकालने के लिये करता है।

  अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम। 

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4 Comments

Gunjan Kamal

22-Nov-2022 11:18 PM

बहुत ही सुन्दर

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Peehu saini

22-Nov-2022 04:22 PM

Adwitiya 🌹👏

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Haaya meer

21-Nov-2022 06:09 PM

Amazing

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